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अंकिता हत्याकांड: केस ट्रांसफर को लेकर पुलकित ने कोर्ट में खुद रखा अपना पक्ष, एक मार्च को आएगा फैसला

अंकिता हत्याकांड: केस ट्रांसफर को लेकर पुलकित ने कोर्ट में खुद रखा अपना पक्ष, एक मार्च को आएगा फैसला

उत्तराखण्ड | क्राइम | 2/27/2024, 3:59 PM | Ground Zero Official

पौड़ीः अंकिता हत्याकांड के मुख्य आरोपी पुलकित आर्य ने केस ट्रांसफर के प्रार्थना पत्र पर सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत में स्वयं अपना पक्ष रखा. अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. फैसला सुनाने के लिए अदालत ने 1 मार्च की तिथि नियत की है.

सोमवार को सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत में मामले की सुनवाई हुई. जिसमें केस ट्रांसफर प्रार्थना पत्र पर अपना पक्ष रखने के लिए पुलकित आर्य जिला कारागार चमोली से पौड़ी पहुंचा. सुनवाई के दौरान पुलकित आर्य ने कहा कि अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार में मुझे निष्पक्ष न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. पुलकित ने बताया कि बीते 20 अप्रैल 2022 को अदालत में खुशराज द्वारा स्वयं को अभिनव कश्यप का भाई बताते हुए गवाही दी. जबकि वास्तव में पुलिस ने एक महिला को पुरुष के वेश में खुशराज बता असली पहचान छिपा गवाही कराई गई थी. इस दौरान अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता को बोलने तक का मौका नहीं दिया गया.

पुलकित ने अंकिता के पिता पर न्यायालय परिसर में गवाही के लिए आते-जाते समय अभद्र टिप्पणी किए जाने का भी आरोप लगाया. पुलकित ने कहा अदालत में धारा-302 से संबंधित कई मुकदमे लंबित हैं. लेकिन हमारे केस में जल्दी-जल्दी तारीख लगा दी जा रही है. अदालत में आर्य ने पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में जानलेवा हमला किए जाने, रिजॉर्ट तोड़े जाने, मुकदमे से अधिवक्ता हटाए जाने और फैक्ट्री में आग लगाए जाने की बात भी कही. पुलकित ने कहा कि मृतका का कमरा तोड़कर साक्ष्यों को नष्ट करने का काम किया गया. लेकिन कानूनी दृष्टि से शासन-प्रशासन की इस कार्रवाई में किसी को आरोपी नहीं बनाया गया. यह मेरे खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई है.

अभियोजन पक्ष से जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार भट्ट ने पक्ष रखते हुए बताया कि प्रार्थना पत्र में दिए गए केस ट्रांसफर के तथ्य आधारहीन हैं. अभियोजन पक्ष द्वारा पहले केस ट्रांसफर के लिए दायर की गई याचिका भी अदालत खारिज कर चुकी है. भट्ट ने बताया कि सत्र न्यायाधीश पौड़ी अजय चौधरी की अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखते हुए सुनवाई की तिथि 1 मार्च नियत की है.

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