Home: देश सामान्य
अरुण गोयल ने रिटायरमेंट से 45 महीने पहले दिया रिजाइन, अगले साल बनने वाले थे CEC, कांग्रेस ने पूछा- क्या लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं?

अरुण गोयल ने रिटायरमेंट से 45 महीने पहले दिया रिजाइन, अगले साल बनने वाले थे CEC, कांग्रेस ने पूछा- क्या लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं?

देश | सामान्य | 3/10/2024, 10:09 AM | Ground Zero Official

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से कुछ हफ्ते पहले एक बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए चुनाव आयुक्‍त अरुण गोयल (Arun Goel) ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया. अरुण गोयल का यह इस्तीफा आम चुनाव की तारीखों के ऐलान से ठीक पहले आया. लिहाजा इसे लेकर चर्चा भी तेज हो गई और राजनीति के गलियारों से लेकर आम जनता तक तमाम तरह के कयास भी लगाए जाने लगे. लेकिन अब सूत्रों से खबर आ रही है कि अरुण गोयल ने निजी कारणों की वजह से अपने पद से इस्तीफा दिया है. इस से पहले ये भी कयास लगाए जा रहे थे अरुण गोयल का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उन्होंने स्वास्थ्य कारणों के कारण ही पद छोड़ा है.

सूत्रों ने एनडीटीवी को शुक्रवार को बताया था कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा अगले सप्ताह हो सकती हैं. ऐसे में अब यह देखना होगा कि क्‍या गोयल के इस्‍तीफे से समय सीमा प्रभावित होती है या नहीं. गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था. कानून मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, गोयल का इस्तीफा शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया जो आज से ही प्रभावित हो गया. 

फिलहाल यह पता नहीं चला पाया है कि गोयल ने इस्तीफा क्यों दिया. फरवरी में अनूप पांडे की सेवानिवृत्ति और गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय निर्वाचन आयोग समिति में अब केवल मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार हैं. सेवानिवृत्त नौकरशाह अरुण गोयल पंजाब कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी थे. वह नवंबर 2022 में निर्वाचन आयोग में शामिल हुए थे. 

गोयल की नियुक्ति को दी गई थी चुनौती 

गोयल की निर्वाचन आयोग में नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर की ओर से दखिल जनहित याचिका में कहा गया था कि अरुण गोयल की नियुक्ति कानून के मुताबिक सही नहीं है. साथ ही यह निर्वाचन आयोग की सांस्थानिक स्वायत्तता का भी उल्लंघन है. इसके अलावा संविधान के अनुच्छेद 14 और 324(2) के साथ साथ निर्वाचन आयोग (आयुक्तों की कार्यप्रणाली और कार्यकारी शक्तियां) एक्ट 1991 का भी उल्लंघन है.

LATEST