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ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को इंटरनैशनल नंबर से मिल रहीं धमकियां, सुरक्षा कवर बढ़ाने की मांग

ज्ञानवापी पर फैसला देने वाले जज को इंटरनैशनल नंबर से मिल रहीं धमकियां, सुरक्षा कवर बढ़ाने की मांग

उत्तर प्रदेश | क्राइम | 4/25/2024, 11:33 AM | Ground Zero Official

ज्ञानवापी मामले (gyanvapi case) में फैसला सुनाने वाले जज रवि दिवाकर (Judge Ravi Diwakar) को बरेली में विदेशी कॉल से धमकियां मिल रही हैं. इस संबंध में जज रवि दिवाकर ने बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत कराया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अप्रैल की शाम 8:42 बजे इंटरनेशनल नंबर से जज रवि दिवाकर के पर्सनल नंबर पर एक कॉल आई, जिसमें धमकी दी गई. हालांकि जज की ओर से इस कॉल के बाद किसी कॉल का जवाब नहीं दिया गया.

इस बारे में जानकारी देते हुए न्यायाधीश रवि दिवाकर के स्टाफ ने बताया कि कुछ दिन पहले अनजान फोन से धमकी मिली थी. इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी गई है.

बता दें कि पहले भी जज रवि दिवाकर को धमकी मिलती रही है. बनारस में ज्ञानवापी मामले में फैसला सुनाने के बाद रवि दिवाकर का तबादला बरेली हो गया था. इसके बाद शासन की ओर से न्यायाधीश रवि दिवाकर और इनके परिवार को सुरक्षा दी गई.

पुलिस अधिकारियों को लिखा गया है पत्र

न्यायाधीश रवि दिवाकर की ओर से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया गया है. पत्र में लिखा है कि 15 अप्रैल की शाम 8:42 बजे इंटरनेशनल नंबर से निजी नंबर पर कॉल आई. इस पर कोई उत्तर नहीं दिया गया है. इंटरनेशनल नंबर से 20-25 दिन में कई कॉल आ चुके हैं और धमकी मिल चुकी है.

बरेली में भी तौकीर रजा की खोली थी फाइल

जज रवि दिवाकर ने बरेली में साल 2010 में हुए दंगे के मामले को स्वतः संज्ञान लेकर दंगे के आरोप में मौलाना तौकीर रजा को मुख्य आरोपी माना था. हालांकि इस पूरे मामले में मौलाना तौकीर सुप्रीम कोर्ट चले गए, जहां पर इनको राहत मिल गई. साल 2010 में हुए दंगे में  करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई थी और 27 दिन तक बरेली में कर्फ्यू लगा रहा था. मौलाना तौकीर रजा के मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश रवि दिवाकर लगातार सुर्खियों में बने रहे. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने इंटरनेशनल नंबरों से दुर्भावनापूर्ण कॉल और धमकियां मिलने पर चिंता जताई है.

जज को मिली है वाई श्रेणी की सुरक्षा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले ज्ञानवापी फैसले के तुरंत बाद न्यायाधीश द्वारा उठाए गए इसी तरह के खतरे की चिंताओं के बाद से इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनके और उनके परिवार के लिए वाई-श्रेणी की सुरक्षा का आदेश दिया था. हालांकि कुछ कारणों की वजह से बाद में घटाकर एक्स-श्रेणी में कर दिया गया था. न्यायाधीश की वर्तमान सुरक्षा में दो सुरक्षाकर्मी शामिल हैं. न्यायाधीश के एक सहयोगी ने कहा कि सुरक्षा पर्याप्त नहीं है, क्योंकि दोनों सुरक्षाकर्मी आतंकवादियों से लड़ने के लिए हथियारों से लैस नहीं हैं.

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